अर्धचालक किसे कहते हैं? What is semiconductor in Hindi?

                   अर्धचालक






    अर्धचालक किसे कहते हैं? (What is semiconductor)

    अर्धचालक (Semiconductors) - वे पदार्थ जिनकी विद्युत चालकता चालकों एवं अचालकों के मध्य होती है, अर्धचालक कहलाते हैं; जैसे-सिलिकन (Silicon) तथा जर्मेनियम (Germanium) अर्धचालक हैं। ये पदार्थ न तो पूर्ण रूप से चालक  होते हैं और न पूर्ण रूप से अचालक । अर्धचालकों में बाहरी इलेक्ट्रॉन न तो परमाणु से इतनी दृढ़ता से बँधे होते हैं, जितने की अचालकों में और न इतने ढीले बँधे होते हैं, जितने कि चालकों में। इनकी विद्युत चालकता ताप बढ़ने पर बढ़ती है तथा ताप घटने पर घटती है, परन्तु परम शून्य ताप पर अर्धचालक एक आदर्श अचालक की भाँति व्यवहार करता है।

    जैसे :- सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनाइड , गैलियम


    Semiconductor chip 


    अर्धचालक कितने प्रकार के होते हैं:- 

    अर्धचालक 02 प्रकार के होते हैं:- 

    1. नैज अर्धचालक ( Intrinsic Semiconductor)

    2. बाहृय अर्धचालक ( Extrensic semiconductor)


    नैज अर्धचालक :- वे अर्द्धचालक जो प्रकृति में शुद्ध रुप में पायी जाती हैं अर्थात् जिसमें किसी प्रकार की अशुद्धियां (impurity) नहीं मिलायी जाती हैं उसे नैज अर्द्धचालक (Intrinsic Semiconductor) कहते है। जेसै – जर्मेनियम, सिलिकॉन आदि।

    बाहृय अर्धचालक:- जब किसी शुद्ध अर्धचालक में थोड़ा-सा अपद्रव्य (impurity) जैसे आर्सेनिक अथवा ऐलुमिनियम मिला दिया जाता है तो इसकी चालकता बढ़ जाती है। इस प्रकार के अशुद्ध अर्धचालक बाह्य अर्धचालक (extrinisic semiconductor) कहलाते हैं तथा Impurity मिलाने की इस क्रिया को मादन (doping) कहते हैं।


    बाहृय अर्धचालक (Extrensic semiconductor ) कितने प्रकार के होते हैं:- 

    बाहृय अर्धचालक दो (02)  प्रकार के होते हैं

    1. n type अर्धचालक

    2. p type अर्धचालक


    n-टाइप अर्धचालक

    जब शुद्ध अर्धचालक  क्रिस्टल में 5 संयोजकता वाला अपद्रव्य परमाणु जैसे आर्सेनिक (अथवा ऐन्टिमनी) अल्प मात्रा में मिलाया जाता है तो क्रिस्टल की चालकता में वृद्धि हो जाती है, इस प्रकार प्राप्त अर्धचालक को n-टाइप अर्धचालक कहते हैं।


    n type semiconductor 


    p-टाइप अर्धचालक-

     जब शुद्ध जर्मेनियम (अथवा सिलिकन) क्रिस्टल में 3 संयोजकता वाला अपद्रव्य परमाणु जैसे ऐलुमिनियम (अथवा बोरॉन) अल्प मात्रा में मिलाया जाता है तो क्रिस्टल की चालकता में वृद्धि हो जाती है, इस प्रकार प्राप्त अर्धचालक को p-टाइप अर्धचालक कहते हैं।

    बहुसंख्यक आवेशवाहक और अल्पसंख्यक आवेशवाहक क्या होते हैं?

    बहुसंख्यक तथा अल्पसंख्यक आवेश वाहक

    n टाइप अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन तथा p टाइप अर्धचालक में कोटर (holes) बहुसंख्यक(majority) आवेश वाहक होते हैं। जबकि n टाइप अर्धचालक में कोटर(holes) तथा p टाइप अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक (minority) आवेश वाहक होते हैं।

    यह भी देखें:- pn junction diode, forward bias, reverse bias in hindi 

    अर्धचालक के कुछ विशेष गुण निम्न प्रकार हैं –

    • अर्धचालक पदार्थ की प्रतिरोधकता कुचालक पदार्थ से      अधिक और सुचालक से कम होती है.

    • अर्धचालकों में प्रतिरोध का ऋणात्मक तापमान गुणांक       होता है अर्थात तापमान में वृद्धि के साथ अर्धचालक का     प्रतिरोध घटता है और विद्युत चालकता बढती है.

     • जब एक उपयुक्त धातु की अशुद्धता अर्धचालक में डाली      जाती है तो अर्धचालकों के वर्तमान गुण में बदलाव होता      है. अर्थात इनकी चालकता कम या ज्यादा हो जाती है.

    • जब अर्धचालक अपनी Natural State में होते हैं तो वे       ख़राब सुचालक की भांति व्यवहार करते है, लेकिन कुछ     तकनीकी की मदद से अर्धचालकों में धारा का प्रवाह           किया जाता है. जैसे कि डोपिंग तकनीकी के द्वारा.

    • अर्धचालकों की चालकता को बाहर से लगाये गए विद्युत     क्षेत्र या प्रकाश के द्वारा भी परिवर्तित किया जा सकता है.


    प्रिय मित्रों
    आशा करता हूं कि आपको  अर्धचालक किसे कहते हैं ? एवं  अर्धचालक के प्रकार के बारे में अच्छे से समझ आया होगा। Comment करके जरूर बताएं कि आपको हमारा Article कैसा लगा🙏🙏

    Post a Comment

    0 Comments